Thursday, January 21, 2010
तंत्र के गण-अधिकार को बनाया हथियार, चमत्कार...Cmde Lokesh Batra deserves a Pat
dainik Jagran Jan 21, 11:34 pm
नहीं होंगे रिटायर कभी says
कमोडोर लोकेश बत्रा। 36 वर्ष तक नौसेना में रहकर देश सेवा की। कहने को तो वर्ष 2003 से सेवानिवृत हैं, लेकिन सही मायनों में नहीं। वह गणतंत्र की सेवा किए जा रहे हैं, जिस तरह एक सच्चे गण को करना चाहिए। ज्यादातर लोग छोटी-छोटी समस्याओं को लेकर तंत्र को कोसते रहते हैं। लेकिन लोकेश बत्रा ने कोसने के बजाए कुछ करने का बीड़ा उठाया। उनके प्रयास का ही नतीजा है कि प्रधानमंत्री कार्यालय में सूचना के अधिकार [आरटीआई] की अपील की सुनवाई के लिए देश के सभी जिलों को वीडियो कांफ्रेंसिंग व्यवस्था से जोड़ा गया। नोएडा प्राधिकरण में आरटीआई के लिए सभी सूचनाओं को आनलाइन कर
दिया गया है। नोएडा के सेक्टर-25 स्थित जलवायु विहार में वह बस गए हैं। 63 वर्ष की आयु में भी वह जवानों पर भारी पड़ते हैं। उन्होंने सूचना का अधिकार एक्ट के हिंदी संस्करण में 34 त्रुटियों को ठीक कराया। पासपोर्ट कार्यालय में सेक्शन 4 को मानने से मना कर दिया था। बाद में उन्होंने आरटीआई के माध्यम से उसे देश के सभी पासपोर्ट कार्यालय में लागू कराया। बत्रा कहते हैं कि आरटीआई को उन्होंने लोकतंत्र की व्यवस्था सुधारने का हथियार बनाया। वह बताते हैं कि प्रधानमंत्री कार्यालय में आरटीआई के लिए दो अलग-अलग स्थानों पर जाना पड़ता था। एक जगह फाइल देखी जा सकती थी और दूसरी जगह पैसे जमा किए जा सकते थे। प्रधानमंत्री के साउथ ब्लाक स्थित कार्यालय में न तो गाड़ी पार्किग और न ही टायलेट की व्यवस्था थी। इसकी शिकायत भी आरटीआई के माध्यम से उन्होंने प्रधानमंत्री कार्यालय में की। बाद में जन सूचना अधिकारी को साउथ ब्लाक से हटाकर रेल भवन में स्थानांतरित कर दिया गया। बत्रा कहते हैं-आरटीआई का प्रयोग करते रहना चाहिए, जब तक आप व्यवस्था को ठीक नहीं करा देते।
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